अगर आप भी चावल में मिलावट कर उसे बेच रहे हैं तो सावधान हो जाइए

भारत में उगाए जाने वाले बासमती चावल का पूरी दुनिया में डंका बजता है। अगर पिछले साल की बात की जाए तो साल 2022-23 में बासमती चावल का निर्यात 24.97 लाख टन दर्ज किया गया है। अमेरिका और यूरोप में तो भारत के बासमती चावल की डिमांड है ही इसके साथ-साथ अरब के देशों में भी भारत से बासमती चावल मंगवाए जाते हैं। यही कारण है, कि पिछले कुछ समय में ना सिर्फ भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। बल्कि हम पूरे विश्व में बहुत ही बड़े स्तर पर चावल का निर्यात भी करते हैं। भारत की तरफ से हमेशा कोशिश की जाती है, कि पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय बाजार मानकों के आधार पर खरा उतरने के बाद ही बासमती चावल का निर्यात किया जाए। लेकिन आजकल बहुत से व्यापारी और चावल वितरित करने वाली कंपनियां नकली बासमती चावल बेच रही हैं। इस तरह की गड़बड़ी करते हुए अपनी नोटों से जेबें भर रहे हैं। ऐसी गैर-कानूनी गतिविधियों पर अब भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने लगाम कस दी है। अगर रिपोर्ट्स की मानें तो FSSAI ने बासमती चावल की क्वालिटी और स्टैंडर्ड के लिए खास नियम तय कर दिए हैं, जिनका पालन चावल कंपनियों को करना ही होगा। ये नियम 1 अगस्त 2023 से देशभर में लागू हो जाएंगे। नियमों का पालन न किए जाने पर व्यापारियों और कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

अब बाज़ार में बिकेगा केवल नेचुरल बासमती चावल

असली बासमती चावल में अपनी खुद की एक प्राकृतिक सुगंध होती है। लेकिन आजकल कई कंपनियां आर्टिफिशियल कलर और नकली पॉलिश करते हुए बासमती चावल में बाहर से एक अलग खुशबू डाल देती हैं। इस तरह के नकली चावल देशभर में बेचे जा रहे है। लेकिन अब सरकार ने इस कुकर्म पर लगाम लगाने की ठान ली है। ऐसी कंपनियों पर लगाम कसते हुए अब भारत सरकार के बजट में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (फूड प्रोडक्ट स्टैंडर्ड एंड फूड एडिटिव) फर्स्ट अमेंडमेंट रेगुलेशन 2023 नोटिफाई किया गया है।


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इसमें बासमती चावल के लिए खास स्टैंडर्ड निर्धारित किए गए हैं, ताकि असली बासमती की पहचान, सुगंध, रंग और बनावट के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। नए नियमों में ब्राउन बासमती, मिल्ड बासमती, पारबॉइल्ड ब्राउन बासमती और मिल्ड पारबॉइल्ड बासमती चावल को प्रमुखता से जोड़ा गया है। इन खास तरह के स्टैंडर्ड का पालन न करने पर कंपनियों के खिलाफ सरकार की तरफ से लीगल एक्शन लिया जा सकता है।

किसे कहेंगे असली बासमती चावल

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI द्वारा निर्धारित रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स के अनुसार, असली बासमती चावल वही होगा, जिसमें प्राकृतिक सुगंध होगी। साथ ही, इन नियमों के तहत बासमती चावल को किसी भी तरह से आर्टिफिशियल पॉलिश नहीं किया जाएगा। जो भी कंपनियां बासमती चावल बेच रही हैं, उन्हें पकने से पहले और पकने के बाद के चावल का आकार निर्धारित करना होगा। इसके अलावा चावल कंपनियों को बासमती चावल में नमी की मात्रा, एमाइलॉज की मात्रा, यूरिक एसिड के साथ-साथ बासमती चावल में टुकड़ों की उपस्थिति और इनकी मात्रा की पूरी जानकारी देनी होगी।

1 अगस्त से लागू हो जाएंगे नियम

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा बासमती चावल के लिए निर्धारित रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स 1 अगस्त 2023 से लागू हो जाएंगे। इन नियमों का सबसे बड़ा मकसद बासमती चावल में हो रही मिलावट को खत्म करना है। साथ ही, ग्राहकों के हितों की रक्षा देश नियम के तहत की जाएगी। यहां पर सरकार का मकसद है, कि आपके खाने की थाली में एकदम वैसे ही चावल पहुंच सके जैसा उन्हें उगाया गया है।